
रायपुरः प्रदेश की भूपेश सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने सदन में 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया। आकार के हिसाब से ये प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसमें स्वास्थ्य, सुरक्षा से लेकर गांव और रोजगार की बात है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों पर फोकस है तो कृषि कारोबार की बात भी। बजट में इस बार प्रदेशवासियों के लिए कोई नया टैक्स नहीं। भूपेश सरकार का चौथा बजट कई मायनों में बेहद खास है। क्योंकि इसमें हर वर्ग के लिए कुछ ना कुछ राहत और रियायत जरूर है। लेकिन जिस घोषणा ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, वो पुरानी पेंशन योजना बहाली का ऐलान। जिसका कर्मचारी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।
सदन में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जब सीएम भूपेश बघेल ने बजट भाषण शुरू किया तो शुरुआत में ही उन्होंने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की। चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले भूपेश सरकार का ये बड़ा दांव मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। सदन में ऐलान का असर बाहर सड़क पर भी दिखा। कर्मचारी जश्न मनाते नजर आए। भूपेश सरकार ने होली से पहले राज्य के कर्मचारियों को तोहफा देने के साथ-साथ राज्य में विकास को गति देने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत किया। इस दौरान सीएम ने हर वर्ग को रियायत देने की कोशिश की। प्रदेशवासियों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया तो सरकारी वकीलों के मानदेय में वृद्धि का ऐलान के साथ 6 नई तहसील बनाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बजट भाषण में कहा कि विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल को देशभर में पहचान मिली है। गांव केंद्रित अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने इस बार भी बजट में कई बड़े प्रावधान किए गए हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए बजट में 6 हजार करोड़, गोठानों को औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने 600 करोड़, मुख्यमंत्री रेशम मिशन के लिए 4.53 करोड़, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के लिए 2 करोड़, दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस के लिए 24 करोड़, चिराग परियोजना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान, इसके अलावा भूमिहीन कृषि मजदूर योजना में सहायता राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 रु की गई।
भूपेश सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए भी खास फोकस किया है। स्वामी आत्मानंद स्कूल की लोकप्रियता को देखते हुए हिंदी माध्यम के 32 स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाएंगे। इसके अलावा अब PSC और व्यापमं परीक्षाओं में स्थानीय को परीक्षा शुल्क नहीं लगेगा। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए राज्य सरकार 136 धन्वंतरी जैनरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना करेगी। सुकमा और जगरगुंडा में 30 बिस्तर वाला सामुदायिक केंद्र भी खोलेगी राज्य सरकार। वहीं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के लिए बजट में 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
इस बार के बजट में राज्य सरकार ने विधायक निधि 2 से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय भी बढ़ाया है। कुल मिलाकर भूपेश सरकार ने अपने बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ सौगात जरूर दी। खास तौर पर गांव, गरीब और किसानों पर फोकस किया गया है ताकि इससे जुड़े लोगों का जीवन स्तर सुधर सके।